नामीबिया में पड़े सूखे की वजह से जंगली जानवरों को मारने की खबर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तमाम लोग अपनी अपनी राय भी दे रहे है कुछ हालातों से निपटने के लिए सरकार के फैसले को सही तो कुछ गलत बता रहे हैं तो वही उत्तराखंड जन सेवा मंच के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी जयराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख इस मुसीबत की घड़ी में नामीबिया की मदद को हाँथ बढ़ाने की गुहार लगाई है जिनका मकसद बेकसूर और बेजुबान जंगली जानवरों की जान बचाना है इतना ही नही समाज सेविका साधना बताती हैं कि उन्होंने तो सोशल मीडिया पर नामीबिया की मदद के लिए अभियान भी शुरू कर दिया है लेकिन मामला दूसरे देश का है इसलिए भारत सरकार की इसमें दखल जरूरी है
आपको बता दें कि वन विभाग से सेवानिवृत्त आईएफएस अधिकारी जयराज ने वन विभाग में रहते हुए जीवन के कई साल जंगली जानवरों के बीच ही गुजारे हैं और शायद यही वजह भी है कि उनका लगाव बेजुबान जानवरो से बना हुआ है और जब उन्होंने नामीबिया से आई इस खबर को सुना तो उनसे रहा नही गया इसके पीछे एक वजह ये भी है क्योंकि बीते 2022 में जो चीतों की पहली खेप भारत में लाई गई थी वो नामीबिया से ही आई थी इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख निवेदन किया है कि अगर भारत मदद का हाँथ बढ़ाता है तो अन्य देश भी मदद के लिए जरूर आगे आएंगे। जिससे जानवरों को मारना भी नही पड़ेगा और नामीबिया की जनता के सामने जो सूखे की वजह से क्राइसिस है उससे भी निपटा जा सकेगा।।
वही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास जताते हुए उत्तराखंड जन सेवा मंच की सचिव श्रीमती साधना ने कहा कि मोदी जी का डंका दुनिया भर के कई देशों में बज रहा है और अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहेंगे तो पूरा देश नामीबिया की मदद के लिए एकजुट खड़ा नजर आएगा जो मानवता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे वासुदेव कुटुम्बकम को भी चरितार्थ करेगा
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