April 9, 2025

baatmuddeki

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राजपूतों की बिरादरी (मियाँ) पर रखा गया था मियावाला का नाम,स्थानीय लोगों ने नाम बदलने पर जताई आपत्ति

उत्तराखंड सरकार के द्वारा चार जिलों में 17 स्थानों के नाम बदल दिए गए। जिस फैसले से सभी लोग सहमत नजर आए तो वही राजधानी देहरादून के मियावाला के नाम परिवर्तन पर स्थानीय लोगों ने अपना विरोध दर्ज किया है 1676 से पहले से बसा मियावाला का इतिहास सैकडो साल पुराना है जब श्री गुरु राम राय जी का आगमन देहरादून में हुआ था उससे पहले से ही मियावाला सहित अन्य कई गांव बस चुके थे मियावाला के बुजुर्ग वीरेंद्र चौहान बताते हैं कि जिन अधिकारियों के द्वारा मियावाला का नाम मुस्लिम समुदाय से जोड़ा गया उन्होंने यहाँ के पुराने लोगों से बात किए बगैर ही नाम बदलने का प्रस्ताव भेज दिया अगर उन्होंने गांव के पुराने लोगों से बात की होती तो उन्हें मियावाला का अस्तित्व पता चलता कि मिया मुस्लिम नही बल्कि हिन्दू समाज की है जाती है इसीलिए अब उन्होंने मियावाला का नाम बदले जाने पर अपना विरोध दर्ज किया है और जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है आज मियावाला में इसी के संबंध में महाबैठक बुलाई गई है

दो दिन पहले धामी सरकार ने ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार, नैनीताल और देहरादून में कई स्थानों के नाम बदल दिए गए थे जिसके बाद देहरादून के मियावाला का नाम बदलने पर अब स्थानीय लोगों का विरोध शुरू हो गया है और विरोध करने वाले मुस्लिम नही बल्कि हिन्दू समाज के ही लोग हैं अब आपको बताते हैं कि आखिर हिन्दू समाज के लोग मियावाला का नाम बदले जाने के विरोध में आखिर क्यों हैं दरसल मिया राजपूतों की ही बिरादरी है जिस बिरादरी के लोग मियावाला में रहते है जानकारों की माने तो 1667 में जब श्री गुरु राम राय जी देहरादून आए थे उससे पहले से ये मियावाला गांव बसा हुआ है जानकारी जुटाने पर पता चला कि मियावाला गढ़वाल का हिस्सा था जिसे गढ़वाल के राजा प्रदीप शाह ने 1717 से 1772 के बीच संस्थापक श्री गुरु राम राय को भेंट में दे दिए थे जिससे पता चलता है कि मियावाला हाल फिलाल में नही बल्कि मियावाला का इतिहास सैकडो साल पुराना है

वीरेंद्र चौहान ने बताया मिंयावाला का इतिहास

वही कुछ स्थानीय लोग इसके पीछे राजनीति होने की आशंका जता रहे हैं उनका उन जिम्मेदार अधिकारियों पर सवाल खड़े किए हैं जिनके द्वारा नाम बदलने से पहले मियावाला का सर्वे किया गया ।जिन्होंने मूल लोगों से बातचीत करने की बजाए नए चंद सालों पहले आए लोगों से बातचीत कर फैसला ले लिया गया और सरकार से भी मांग की है कि मियावाला का नाम न बदला जाए।।

वही आज मियावाला का नाम न बदले जाने को लेकर स्थानीय लोगों ने डीएम कार्यलाय पहुंच कर ज्ञापन सौंपा और मियावाला में आज शाम 7 बजे महाबैठक का आयोजन भी किया गया है जिसमें नाम न बदला जाए इसको लेकर स्थानीय सभी हिन्दू समाज के लोग बैठक कर मंथन होना है

जबकि दूसरी तरफ स्थानों के नाम परिवर्तन को लेकर देहरादून मेयर सैराव थपलियाल और तमाम पार्षदों ने सीएम धामी से मिलकर उन्हें बधाई देते हुए आभार व्यक्त किया है