November 21, 2024

baatmuddeki

baatmuddeki

नशा तस्करों पर कार्यवाही करते हुए क्यों अक्सर बैकफुट पर आती है पुलिस.. पढ़े पूरी खबर

उत्तराखंड में युवाओं के उज्जवल भविष्य को देखते हुए ही प्रदेश को नशा मुक्त बनाने का सपना सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देखा है जिसके लिए पुलिस प्रशासन भी गंभीरता से नशा तस्करों पर लगाम लगाने के लिए कड़ी कार्यवाही में जुटा हुआ है लेकिन पुलिस को कार्यवाही के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है जिसके चलते अक्सर कार्यवाही करने वाले पुलिस अधिकारी कर्मचारियों को बैकफुट पर खड़ा होना पड़ता है…..

हाल ही में कोतवाली के लक्खीबाग इलाके से पुलिस ने ड्रग सप्लायर को धरदबोचा था जो बेचने के साथ ही खुद भी हैवी ड्रग एडिक्ट ही था जिसकी जेल जाने के बाद अचानक तबियत बिगड़ी और उपचार के दौरान मौत हो गई.. वही परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही का तो पुलिस पर भी मारपीट जैसे आरोप लगाए… हालांकि इस पूरे मामलें में अभी तक पुलिस की कार्यवाही निष्पक्ष और बेदाग रही है… लेकिन ऐसे कई मामलें पूर्व में भी सामने आ चुके है जिसमें नशे के आदि व्यक्ति की नशा न मिलने के चलते मौत हो चुकी है और उसका ठीकरा हमेशा से ही पुलिस के सर ही फूटा है जिसके चलते कई तरह की जांचों से भी जूझना पड़ता है….

वही डॉ मुकुल शर्मा के मुताबिक नशे के आदि लोगों को अगर समय से नशा न मिले तो अक्सर मौत होने के मामलें देखे गए है क्योंकि नाश उनके शरीर की जरूरत बन चुका होता है इसीलिए नशे की लत को छोड़ने और छुड़वाने में काफी समय लगता है चिकित्सक भी ड्रग एडिक्ट को धीरे धीरे नशे की मात्रा को कम करने की ही सलाह देते है ताकि अचानक से नशा छोड़ने पर कोई नुक्सान न हो…

डॉ मुकुल शर्मा

वही देहरादून एसएसपी दलीप सिंह कुँवर का कहना है कि नशा मुक्त प्रदेश बनाने की मुहिम किसी भी तरह की अड़चनों से रुकने वाली नही है हमारे देश के भविष्य को अंदर से खोखला कर रहे नशा तस्करों को किसी भी कीमत पर बख्शा नही जाएगा हालांकि नशे के आदि तस्करों को भी नशे की लत से बाहर निकालने के लिए डीएम देहरादून से भी एसएसपी ने बातचीत कर जेल परिसर में अलग से व्यवस्था बनाने के लिए कहा गया है जिसमें नशे के आदि कैदियों को कॉउंसलिंग,योगा,मैडिटेशन के माध्यम से धीरे धीरे बाहर लाने का प्रयास किया जाए…

दलीप सिंह कुँवर(एसएसपी देहरादून)