उत्तराखंडदेहरादून

विवादों में आया देहरादून का ये आवासीय प्रोजेक्ट,उत्तराखंड के तमाम IAS और IPS अधिकारी ले चुके यहाँ जमीन

कही सस्ती जमीन के चक्कर मे तो IAS और IPS अधिकारी नही हुए ठगी का शिकार,या डेवलपर्स ने अधिकारियों की आड़ में ताक पर रखे सारे नियम ?

राजधानी देहरादून के पौंधा में सैकडों बीघा भूमि में बनाया गया आवासीय प्रोजेक्ट अब विवाद में आ गया है ये वो प्रोजेक्ट है जिसमें उत्तराखंड के कई IAS और IPS अधिकारियों ने जीमने खरीदी है,क्या ब्यूरोक्रेट्स ही हो गए ठगी का शिकार मामलें के तूल पकड़ने के बाद अब विपक्ष के प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा ने भी पूरे मामलें की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से करवाने की मांग की है उनका कहना है कि जिस मामलें में प्रदेश के कई सीनियर IAS और IPS अधिकारियों द्वारा जमीन खरीदी गई हो ऐसे में किसी अधिकारी से इस मामलें की जाँच करवाना न्याय उचित नही होगा…

दिशा प्रोजेक्ट की जमीन को लेकर 2021 में लेखपाल के द्वारा सरकार में निहित करने की दी गई थी रिपोर्ट।।

चंद पेडों के कटान की अनुमति ले हजारों हरे भरे पेड़ो पर चला दी गई आरी…विकेश नेगी अधिवक्ता

दिशा प्रॉजेक्ट में गोल्डन फारेस्ट की भूमि भी शामिल करने के आरोप..विकेश नेगी

अगर जमीन गलत है तो फिर कैसे ब्यूरोक्रेट्स की जमीनों की हुई रजिस्ट्री और दाखिल खारिज ?

हालांकि दूसरी तरफ प्रॉजेक्ट के बचाव में सामने आए अधिवक्ता ने लगे आरोपों को गलत बताते हुए नियम अनुसार आवासीय कॉलोनी के प्रोजेक्ट बनाने की बात कही है लेकिन सवाल अब ये उठ रहे है कि अधिवक्ता विकेश नेगी के द्वारा आरटीआई के जरिये जो जानकारियां जुटाई गई है वो सही हैं या तमाम आरोपों से घिरे प्रोजेक्ट के अधिवक्ता के द्वारा बचाव पक्ष में दी गई दलील, इसीलिए अब इस मामलें में दूध का दूध और पानी का पानी करने के लिए किसी स्वतंत्र एजेंसी या हाई कोर्ट के सिटिंग जज से ही जाँच करवाना उचित होगा हालांकि अधिवक्ता विकेश नेगी के मुताबिक इस पूरे मामलें में निष्पक्ष जांच करवाने के लिए उनके द्वारा जनहित याचिका डाल हाई कोर्ट जाएंगे,बरहाल अब देखने वाली बात तो ये होगी कि आखिर सरकार इस मामलें में क्या स्टैंड लेती है

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