उत्तराखंड
चुनावी दौर में ही क्यों आती है जनता की याद।।
सिर्फ वोट बटोरने और जन संपर्क के लिए ही क्यों खोलते है नेताजी कार्यालय।।
सत्ता की मलाई दार कुर्सी पर बैठ क्यों नही आती क्षेत्र की जनता की याद।।
जी हाँ राजनीतिक लोग हमेशा से ही आम जनता का मूर्ख ही बनाते आए है जो परंपरा लंबे अरसे से चली आ रही है ये बात समझ से परे है कि जिन विधायक साहब ने सत्ता में रहते हुए आम जनता की समस्या जानने के लिए कभी अपनी विधानसभा क्षेत्र में कार्यालय नही खोले और समस्या जानने के लिए एक आम सभा तक नही की वो सिर्फ चुनावी दौर में ही क्यों कार्यालय खोल रहे है जबकि आम जनता अपने कामो के लिए विधायक साहब के घर के चक्कर काटते काटते थक जाती है तब क्यों नेताजी को अपने क्षेत्र की जनता की याद नही आती है लेकिन जैसे ही चुनाव नजदीक आते है क्षेत्रीय जनता को रिझाने के लिए हर गली मोहल्लों में नेता जी का कार्यालय भी खुल जाता है अगर बात करें विकास कार्यो की तो नेताजी ने अगर अपने विधायक कार्यकाल में जनता के सरोकार से जुड़े काम किए होते तो सायद सत्ता का कटोरा लिए आज आम जनता के पास वोट की भीख मांगने नही जाना पड़ता बल्कि समझदार जनता खुद ब खुद कर्मठ जनप्रतिनिधि को वोट देकर विधायक की कुर्सी पर बैठाती है लेकिन पढ़ी लिखी युवा पीढी अब समझदार है और इस बार उन तमाम नेताओं को आईना दिखाएगी जो जनता को मूर्ख समझते है
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