
उत्तराखंड के नैनीताल में चलाए जा रहे निजी मदरसे में बच्चों के साथ मानसिक और शासिरक शोषण का मामला सामने आने के बाद जहाँ पुलिस ने पोक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है तो वही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी प्रदेश भर के तमाम मदरसों की जांच के निर्देश दिए है तो वही वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने भी सूबे में संचालित किए जा रहे 500 से ज्यादा अवैध मदरसों को वक्फ बोर्ड के अधीन करने की मांग रखी है ताकि मदरसों के नाम पर चंदा जमा कर तमाम लोग निजी संपत्ति बना रहे हैं जोकि शरीयत के खिलाफ है वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के मुताबिक शरीयत कहती है कि जो भी संपति या मदरसा मजार चंदे से जमा हुए पैसों से संचालित होती है उस पर वक्फ बोर्ड का अधिकार होना चाहिए
ताकि मदरसों की आड़ में अपने निजी स्वार्थ के लिए चल रहे धंदो पर लगाम लगाई जा सके हालांकि अब देखना ये होगा कि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स द्वारा मदरसों मजारों को वक्फ बोर्ड के अधीन करने पर प्रदेश भर के तमाम मदरसों मजारों का संचालन करने वाले मुस्लिम समुदाय के संचालक इस पर कितना सहमत होते है हालांकि वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के द्वारा जो मांग सरकार से की जा रही है उसपर मुस्लिम समुदाय में पढ़े लिखे लोग सहमत नजर आ रहे हैं क्योंकि सरकार की देख रेख में मदरसों में तालीम लेने वाले बच्चों को बेहतर सुविधा भी मिल सकेगी




