उत्तराखंडदेहरादून

देश भर में बढ़ती आगजनी की घटनाओं को देखते हुए अब बड़े वाहनों में FDSS सिस्टम लगाना अनिवार्य

Dehradun RTO is also strictly enforcing the rules, with registration only granted after inspection.

देशभर में हाईवे पर बसों और बड़े वाहनों में आग लगने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए परिवहन विभाग ने सुरक्षा मानकों में बड़ा बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत अब सभी बड़े वाहन—जैसे स्लीपर बसें, ट्रक, टेम्पो ट्रैवलर, टूरिस्ट कोच व अन्य भारी वाहनों में FDSS (Fire Detection and Suppression System) अनिवार्य कर दिया गया है। इस सिस्टम का उद्देश्य इंजन में किसी भी कारण से लगने वाली आग का तुरंत पता लगाकर उसे खुद नियंत्रित करना है, ताकि बड़े हादसों को रोका जा सके।

परिवहन विभाग के अनुसार, हाल के वर्षों में हाईवे पर आगजनी से होने वाली मौतों और बड़े नुकसान को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। FDSS सिस्टम इंजन कम्पार्टमेंट में तापमान बढ़ते ही एक्टिव हो जाता है और अंदर लगा FDSS सिस्टम स्वतः रिलीज होकर आग को फैलने से पहले ही बुझा देता है।

यात्री बसों में भी किए गए अतिरिक्त बदलाव

यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए विभाग ने यात्री बसों में कई और सुरक्षा मानक जोड़े हैं—

बस के अंदर बेहतर फायर अलार्म और सेंसर

इमरजेंसी हैमर्स व फायर एक्सटिंग्विशर की अनिवार्य

आपातकालीन दरवाजों और खिड़कियों की बढ़ाई संख्या।।

वायरिंग व इंजन कम्पार्टमेंट की अतिरिक्त सुरक्षा जांच

देहरादून में सख्ती, बिना परीक्षण नहीं होगा पंजीकरण

देहरादून में भी परिवहन विभाग ने सुरक्षा मानकों को लेकर निगरानी सख्त कर दी है। देहरादून आरटीओ संदीप सैनी ने बताया कि रजिस्ट्रेशन के लिए आने वाली नई यात्री बसों में अब FDSS सिस्टम सहित सभी सुरक्षा मानकों का विस्तृत परीक्षण किया जा रहा है। सभी मानक पूरे होने के बाद ही पंजीकरण की अनुमति दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि नई बसों के साथ-साथ फिटनेस के लिए आने वाली पुरानी बसों में भी FDSS सिस्टम इंस्टॉल करवाना अनिवार्य कर दिया गया है। फिटनेस पास तभी दी जाएगी जब बस में आवश्यक सुरक्षा उपकरण लगे होंगे।

सुरक्षा को लेकर बड़ा कदम

परिवहन विभाग का मानना है कि यह पहल आगजनी के चलते होने वाले बड़े हादसों को रोकने में अहम भूमिका निभाएगी।देहरादून के आरआई अरविंद यादव ने बताया कि FDSS सिस्टम बड़े वाहनों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच साबित होगा,इसके साथ ही स्लीपर बसों में ड्राइवर केबिन और यात्रियों की स्लीपर कोच के बीच दरवाजे को भी हटवा दिया गया है ताकि आपात स्थिति में यात्रियों और चालक के बीच बराबर संवाद हो सके, जिससे यात्रियों और ड्राइवर-कंडक्टर की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो सकेगी।

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