देहरादून

कैदी की मौत मामलें में हाईकोर्ट ने CBI जाँच के दिए आदेश,SSP CO सहित जेल कर्मी हटाने के…क्या और कहा का है पूरा मामला देखें

एंकर – उत्तराखंड हाइकोर्ट ने हल्द्वानी की जेल में कैदी की हुई मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने के मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जाँच रेगुलर पुलिस से हटाकर सीबीआई से कराने को कहा है साथ मे मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौपने के आदेश देते हुए सरकार से एसएसपी का स्थानांतरण करने को कहा है। कोर्ट ने सीओ और जेल के चार सुरक्षा गार्डों का जिले से बाहर तबादल करने को कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमुर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ में हुई।
मामले के अनुसार विगत 6 मार्च को हल्द्वानी जेल में काशीपुर के कुंडेश्वरी निवासी प्रवेश कुमार की संदिग्ध मौत हो गई थी। इस मामले में बंदी रक्षकों पर प्रवेश की पिटाई का आरोप उसकी पत्नी द्वारा लगाया गया था। मृतक के परिजनों की तहरीर पर भी पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज नहीं किया। बाद में अदालत के आदेश पर हत्या का नामजद मुकदमा दर्ज किया किया गया। कोर्ट ने मामले में पाया कि पुलिस ने पहले तो मुकदमा दर्ज नहीं किया। फिर जांच को भटकाने के लिए चश्मदीद गवाह के बयान न लेकर अन्य लोगों के बयान दर्ज किए। मृतक की पत्नी भारती ने पुलिस में यह शिकायत की थी कि उसके पति की मौत अन्य कारणों से न होकर जेल कर्मियों के द्वारा पिटाई करने के कारण हुई है। इसमें चश्मदीद गवाह भी मौजूद है। जिन लोगो के कारण उसके पति की मौत हुई है उसकी जांच कराई जाए। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज नही की। मुकदमा दर्ज नही होने पर इसकी शिकायत 22 मार्च 2021 को जिला विधिक सेवा प्राधिकारण से की। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने एसएसपी नैनीताल से मुकदमा दर्ज करने को कहा लेकिन एसएसपी नैनीताल ने यह कहकर मुकदमा दर्ज नही किया कि मामला मजिस्ट्रेट के वहाँ लंबित है। पिछली तिथि को कोर्ट ने एसएसपी नैनीताल से निम्न बिंदुओं पट एसएसपी से शपथपत्र पेस करने को कहा था

1- किस नियम के तहत मजिस्ट्रेट के वहां जाँच चल रही है अभी तो एफआईआर दर्ज नही हुई । 2- जब कारण का पता नही हो आपने जाँच के आदेश किस नियमावली के तहत दिए। 3 – सीओ ने उस डॉक्टर के बयान दर्ज किए या नही जिसने मृतक की चोटें देखी।
साथ मे कोर्ट ने यह भी पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एक आदेश जारी कर कहा था कि सभी जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं अभी लगे या नही। उनके द्वारा पेश किए गए शपथपत्र से कोर्ट आज सन्तुष्ट नही हुई।

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