देहरादून….
2022-23 की प्रस्तावित बिजली दरों पर आयोग में सुनवाई।।
बिजली की दरों को बढ़ाने पर कई लोगों ने जताई आपत्ति।।
घरेलू,व्यवसायिक और किसानों ने बिजली दरों को बढ़ाने पर जताई आपत्ति।।
UPCL और पिटकुल पर विकास कार्यो के नाम पर सरकारी पैसा ठिकाने लगाने का आरोप।।
अधिकारी अपनी निजी स्वार्थ के लिए कर रहे सरकारी पैसों की बर्बादी।।
यू तो देश भर में उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है लेकिन वर्तमान में जिस तरह से प्रतिवर्ष बिजली की दरों में बढ़ोतरी की जा रही है उससे प्रदेश की जनता को ऊर्जा प्रदेश का कोई फायदा नही मिल पा रहा है बजाए कई राज्यों के उत्तराखंड में बिजली दिन पर दिन महँगी होती जा रही है जो सरासर गलत भी है आज नियामक आयोग में घरेलू,किसान और व्यवसायिक सभी लोगों द्वारा बढ़ती बिजली की दरों पर आपत्ति जाहिर की गई और इस परपेक्ष में अपना पक्ष रखा गया कि बिजली की दरों में आखिर क्यों बढ़ोतरी न कि जाए, जहाँ एक तरफ कोरोना काल में प्राइवेट नौकरी करने वालों को दो वख्त की रोटी जुटाने के लिए भी दिन रात एक करना पड़ रहा है जिसके लिए सरकार की तरफ से नाकाफी व्यवस्थाएं बनाई गई है तो दूसरी तरफ लगतार पेट्रोल सब्जी और बिजली की दरों में बढ़ोतरी होना मध्यम वर्ग के परिवारों पर पहाड़ जैसी विपत्ति आने जैसा है रोजगार देना तो दूर की बात बावजूद इसके बिजली विभाग पर यूनिट दरों में बढ़ोतरी करने की तैयारी में है जो सीधे तौर पर आम जनता की जेब पर असर डालेगा…. हालांकि नियामक आयोग द्वारा सभी के पक्ष पर सुनवाई की गई है लेकिन अब देखने वाली बात ये होगी कि आयोग का फैसला जनता के हित में होगा या ऊर्जा विभाग के जिस पर भ्र्ष्टाचार और सरकारी पैसों को अलग अलग माध्यम से ठिकाने लगाने के गंभीर आरोप भी लग चुके है
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