उत्तराखंड

भ्र्ष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न होने के चलते नाराज सुराज सेवा दल ने आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

सुराज सेवा दल के पदाधिकारी और कार्यकर्ता प्रदेश में विभिन्न विभागों में हो रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई न होने से रोष है। सोमवार को सुराज सेवा दल के कार्यकर्ताओं ने कुमाऊं मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचकर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा और आरोप लगाया कि पूर्व में दिए गए कई ज्ञापनों पर आज तक कोई शासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई है। यहां तक कि मुख्यमंत्री शिकायत प्रकोष्ठ में की गई शिकायतों को भी अधिकारियों ने बिना जांच किए निस्तारित कर दिया।
प्रदेश अध्यक्ष रमेश जोशी ने बताया कि ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने चार प्रमुख मामलों की ओर विशेष ध्यान आकृष्ट कराया है। पहला मामला कौशल विकास योजनाओं से जुड़ा है। आरोप है कि कुछ स्थानों पर बिना प्रशिक्षण कराए ही संबंधित संस्थाओं को भुगतान कर दिया गया। इस संबंध में अधिकारियों द्वारा 15 दिन के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया था, लेकिन एक माह बीत जाने के बावजूद अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

दूसरा मामला उधम सिंह नगर जिले से जुड़ा है, जहां प्राइवेट भूमि पर सरकारी पैसों से लाइन बिछा दी गई और सरकारी राजस्व की चोरी की गई । तीसरे मामले में विभागीय कार्यों में एमबी (मेजरमेंट बुक) पर एसडीओ के फर्जी हस्ताक्षर कर भुगतान कर दिए जाने की बात कही गई है, जिससे वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि होती है।

चौथा मामला बेहद गंभीर है जिसमे एक सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनाए गए कॉम्प्लेक्स का है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस पर सीलिंग के निर्देश दिए गए थे, लेकिन आज तक न तो परिसर सील किया गया और न ही जिम्मेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई।
पांचवा अर्धसैनिक बलों के सैनिकों के लिए बैठने के लिए कोई कार्यालय नहीं है कई बार अधिकारियों द्वारा आश्वस्त करने के बाद भी आज तक कोई कार्यालय की जगह या कार्यालय मुहैया नहीं कराया गया
ज्ञापन देने पहुंचे कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस प्रकार की अनियमितताओं पर शासन और प्रशासन का मौन रहना चिंताजनक है। उन्होंने मांग की है कि 15 दिनों के भीतर मामलों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि मंडलायुक्त एक ईमानदार, नीतिपरक और निर्णय लेने वाले अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं और मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस की नीति को प्रभावी रूप से लागू करने में उनकी भूमिका अहम हो सकती है।

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